कोरोना से सूंघने की क्षमता हमेशा के लिए खत्म नहीं हो सकती

कोरोना से सूंघने की क्षमता हमेशा के लिए खत्म नहीं हो सकती

सेहतराग टीम

कोरोना के बढ़ते संक्रमित मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। बीते कुछ समय में कोरोना के बारे में नई-नई जानकारी सामने आई हैं। जैसे कोरोना के कई लक्षण हमारे सामने आए हैं। इन्हीं लक्षणों में से एक है सूंघने की क्षमता का प्रभावित होना। लेकिन अब हाल के अध्ययन में इस पर नई जानकारी है। अब हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि संक्रमण के कारण किसी मरीज की सूंघने की क्षमता हमेशा के लिए खत्म नहीं हो सकती है।

पढ़ें- कोरोना संक्रमण के मामले में आंध्र प्रदेश तीसरा सबसे प्रभावित राज्य बना, जानें अन्य राज्यों के आंकड़े

वैज्ञानिकों को अध्ययन में पता चला है कि सेंसरी न्यूरॉन जो गंध को महसूस कर मस्तिष्क को सूचित करता है, उसे कोरोना वायरस से कोई खतरा नहीं है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर वायरस इस सेंसरी न्यूरॉन को प्रभावित करता तो मरीज की सूंघने की क्षमता हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।

वायरस सेंसरी न्यूरॉन के इर्द-गिर्द रहता है वैज्ञानिकों के अनुसार वायरस सूंघने में प्रयोग होने वाले सेंसरी न्यूरॉन की सुरक्षा करने वाले कोशिकाओं के इर्द-गिर्द रहता है और सिर्फ उसे ही प्रभावित करात है। इसी कारण गंध को महसूस करने की क्षमता कुछ समय के लिए प्रभावित होती है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, इस तरह की तकलीफ कोरोना के दस फीसदी मरीजों में हो सकती है, लेकिन उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। वायरल लोड कम होने के साथ चीजें सामान्य होने लगती हैं।

 

इसे भी पढ़ें-

Coronavirus Latest Update: जानिए भारत में कुल कितने मरीज हैं और कितनी मौतें हुईं

दिल को खतरनाक स्तर तक क्षति पहुंचाता है कोरोना वायरस

 

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।